दोस्तो वैसे तो नीला मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी हैं. मोर के बेहद खुबसूरत होने के कारण ही भारत सरकार ने 26 जनवरी,1963 को इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित कर दिया था. मोर को मारने या इसका शिकार करने वाले को आजिवन कैद जैसी सजा भी हो सकती हैं.आप सभी ने भारत में पाये जाने वाले नीले-हरे रंग के मोर को तो बहुत देखा होगा. आजकल बरसात में खेतो में मोर को नाचते हुए देखा जाना आम बात हैं. लेेेेकिन क्या आपने सफेद मोर देखा हैैं कभी? जि हाँ सफेद मोर , कितनेे लोगो को तो ये भी नहीं पता होगा की सफेद मोर भी होता हैं. अगर सफेद मोर के बारे मेें जानना चाहते हैैं तो नीचे पोस्ट में पढ़िए.
बहुत दुर्लभ प्रजाती हैं
दोस्तो सफेद मोर बहुत दुर्लभ प्रजाति है और ये कुछ ही स्थानो पर पाया जाता हैं. इसका सफेद रंग इसे बेहद खुबसूरत बनाता हैं. मोर के पंख पिगमेंट की कमी के कारण सफेद होते हैं.दोस्तो ये एक आनुवांशिक परिवर्तन की वजह से होता हैं. जिस कारण उनके पंखों में रंग की कमी हो जाती है, जिससे वे सफेद हो जाते हैं.
ताज जैसी कलगी
मोर के सिर पर ताज जैसी कलगी लगी होती हैं,जैसे किसी राजा के सर पर ताज होता हैं. मोर का यह ताज बिल्कुल प्राकृतिक होता हैं. यह कलकी सफेद, नीले दोनो मोरो के सर पर होती हैं. मोर को पक्षियों का राजा भी माना जाता हैं.
जापान के चिड़ियाघर में हैं
मोर इसलिए अपने पंख फैलाता हैं
आपने बरसात में मोर को पंख फैला कर नाचते तो जरूर देखा होगा. वह प्रजनन के लिए पंखों को उठाकर मोरनी को आकर्षित करते हैं.यही कारण है की मोर अपने पंख उठाकर घुमते हैं, ताकि मोरनी उनसे खुश हो जाए.
सफ़ेद मोर के सफ़ेद होने का कारण
जैसे की हम पहले बता चुके हैं. सफेद मोर वास्तविक रूप में सफेद नहीं होते ये आनुवांशिक परिवर्तन की वजह से सफेद हो जाते हैं. आनुवांशिकता के कारण उनके पंखों में रंग की कमी हो जाती है, जिससे वे सफ़ेद हो जाते हैं.
मोर सब कुछ खाते हैं
मोर सब कुछ खाते हैं मोर मांसभक्षी होते है और बीज, कीड़े-मकोड़े, फल, खाते हैं. मोर छोटे सांपों को भी खाते हैं.
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