ताजी ठंडी हवा में हम खड़े हो और सामने बर्फ की सफेद चादर से ढका पहाड़ हो, तो सोचिए वह कितना खुबसूरत नज़रा होगा , ऐसा लगता है मानो हम धरती पर नहीं बलकी किसी जन्नत में आ गए हैं. दोस्तो आज हम बात कर रहे हैं. हिमाचल प्रदेश की पार्वती घाटी में स्थित कसोल की जो एक बहुत प्रचलित पर्यटक स्थल हैं. यहा का ठंडा वातावरण यहा आने वाले सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देता हैं. अगर आप हिमांचल गए और वहा आपने कसोल नहीं देखा तो फिर आप समझले की आपने कुछ नहीं देखा . कसोल के ऊँचे-ऊँचे बर्फ से ढके पहाड़ ,कसोल के बर्फ से भरे रोमांटिक रास्ते उनका क्या कहना, इसकी खुबसूरती की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है. कसोल की तो बात ही कुछ और है.
हिमाचल में पार्वती नदी के किनारे बसा हुआ गांव कसोल कुल्लू से लगभग 40 km दूरी पर स्थित है.कसोल की खुबसूरती पर चार चाँद लगाने का काम करती है, यहाँ बहती हुई पार्वती नदी जो इसे बेहद खुबसूरत बना देती है.सैलानी कसोल में हरी-भरी वादियों का आनंद तो ले ही सकते है साथ ही ट्रेकिंग और कैम्पिंग का भी आनंद ले सकते है.
दोस्तों यहाँ पहुंचते ही कसोल का ठंडा माहौल शहर की भीड़भाड़ वाली लाइफ को बिलकुल भूला देती है इंसान अपनी टेंशन भरी लाइफ भूलकर सुकून का हसास करने लगता है.यहाँ का हरा भरा वातावरण देखकर अस्वस्थ इंसान भी खुद को स्वस्थ महसूस करने लगता है. कसौल चारों तरफ से वन से भरा हुआ है जहा चीड़ और देवदार के ऊंचे-ऊंचे वृक्ष ही नज़र आते है. जब यह वृक्ष बर्फ से ढके होते है तब और भी खुबसूरत नजर आते है.
बाज़ार लगता है
दोस्तों कसोल का दूसरा नाम मिनी इजराइल भी है जी हां भारत में कसोल को मिनी इजराइल के नाम से भी जाना जाता है.वहा बाजार भी लगता है, जहा आपको कपड़ो से लेकर हर चीज़ मिल जाएगी कसोल में बहुत सुंदर-सुंदर आर्टिफिशल गिफ्ट वगैरा भी मिलते है. जिसे देखते ही आपका मन उन्हें खरीदने का करने लगेगा .
पार्टिया भी होती है
अक्सर कसोल में पार्वती शांग्री-ला फेस्ट में पार्टियों का आयोजन होता रहता है.जहा सैलानी इन पार्टियों के भी आनंद लेते नजर आते है. ठंडी वादियों में संगीत का माहौल सैलानियों को झूमने में मजबूर कर देती है.
कसोल कब जाए
कसोल जाने के लिए वैसे तो सभी समय अच्छे है. यहाँ का मौसम और वादियां हर मौसम में अच्छी लगती है. मगर वहा के लोग कहते है की कसोल घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से सितंबर तक का होता है.
कैसे जाए
दिल्ली से आपको आसानी से बस मिल जाती है. पहले आपको दिल्ली से कुल्लू के लिए बस करनी पड़ती है.दिल्ली से कुल्लू करीब 500 कि.मी है. कुल्लू पहुंचकर आपको फिर बस या जीप वगैरा करनी पड़ेगी कसोल पहुंचने के लिए.
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